शायरः मौलाना असकरी इमाम ख़ान जौनपूरी
मिल गई ईमा की दौलत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
भर गया दामने हाजत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
तहनीयत अहले मवद्दत, आ गए ज़ैनुल ऐसा
हो अदा अज्रे रिसालत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
हू का आलाम, नज़अ का हंगाम, ग़म का दौर था
लेके पैग़ामे मुसर्रत आ गए ज़ैनुल ऐबा
काबा ए दिल नूरे ईमानी से होगा ज़ौफ़िगन
अहले ईमा को बशारत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
तहनीयत को अर्श वाले सब ज़मीन पर आ गए
हो गई जन्नत मे ख़लवत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
चश्मा ए फ़ैज़ ए इलाही है, ग़नीमत जानिए
हामिले बारे इमामत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
कही रही है अहले इमा से ये ख़ुद उनकी जबी
बढ़ गया लुत्फ़े इबादत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
अब मिलेगी सज्दा ए ख़ालिक़ को मेराजे कमाल
बन के तौक़ीरे इबादत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
आज तक देखा था ज़ोरे बाज़ूए हैदर मगर
सब्र की देखेंगे ताक़त, आ गए ज़ैनुल ऐबा
ऐ यज़ीदे नहस हिम्मत है तो फ़िर दरबार मे
क्यो नही लेता है बैअत आ गए ज़ैनुल ऐबा
शौके़े दीदारे मदीना था तो पहले से मगर
बढ़ गया शौक़े ़ज़ियारत आ गए ज़ैनुल ऐबा
है यक़ी सब की मुरादें आज होंगी मुस्तजाब
खुल गया बाबे इजाबत, आ गए ज़ैनुल ऐबा
अस्करी मिल कर मनाओ जश्ने मीलादे इमाम
इस से बढ़ कर क्या सआदात, आ गए ज़ैनुल ऐबा
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